भारत का एक ऐसा शहर जहां एक नहीं पांच दिन मानते है विजयादशमी?
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- admin
- October 6, 2022
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विजयादशमी का त्यौहार भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है | यह त्यौहार असत्य पर सत्य की विजय का प्रतिक है | दशहरा अर्थात विजयादशमी मनाने के पीछे का कारण यह है की इसी दिन प्रभु श्री राम ने राक्षसों के राजा दशानन रावण का वध करके पूरी धरती को पाप मुक्त कर दिया था | पुरे भारत में इस दिन को बहुत ही हर्षो उल्लाश से मनाया जाता है | इस दिन हर शहर में राम लीला का आयोजन किया जाता है और शाम को रावण का एक विशाल पुतला बनाकर , उसको जलाया जाता है | हर साल इसी प्रकार रावण को जलाकर लोग अपने अंदर की बुराइयों को मिटाने का प्रण लेते है |
विजयदशमी का दिन और नवरात्री का देवी विसर्जन का दिन एक ही है इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है | लोग इस दिन की शुरुआत घर की साफ सफाई से करते है उसके बाद अच्छे -अच्छे पकवान बनाते है और रावण का पुतला जलाने के बाद लोग अपना आपसी मतभेद भूलकर एक दूसरे के घर मिलने जाते है |वैसे तो पुरे भारत में इसे एक ही दिन मानते है परन्तु एक शहर ऐसा भी है जहां विजयादशमी एक नहीं पांच दिन मानते है | जी हां यह सच है , उत्तरप्रदेश के बाँदा शहर में दशहरा एक दिन नहीं पांच दिन मनाया जाता है |
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बाँदा शहर में विजयादशमी के दिन रामलीला और रावण दहन ठीक उसी प्रकार होता है जिस प्रकार भारत के शेष स्थानों में होता है परन्तु लोग एक दूसरे के घर दशहरा मिलने तथा भाईचारा निभाने अलग अलग दिन जाते है | बाँदा के गांव में दशहरा मिलन विजयादशमी के दिन ही मनाया जाता है परन्तु बाँदा शहर में विजयादशमी के दिन दशहरा मिलन नहीं मानते | बाँदा शहर में जितने भी मोहल्ले या नगर है उन्हें इस प्रकार विभाजित किया गया है की विजयादशमी के दिन इन २-३ मोहल्ले में दशहरा मिलने जायेंगे लोग , उसके अगले दिन इन २-३ मोहल्ले में लोग दशहरा मिलने जाये और उसके अगलेदिन इन – इन मोहल्ले में दशहरा मिलने जायेंगे लोग |
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इस प्रकार पुरे पांच दिनों तक अलग अलग मोहल्ले में लोग मिलने जाते है | जब स्थानीय लोगो से इस प्रकार अलग अलग मोहल्ले में अलग अलग दिन दशहरा मनाने का कारण पूंछा गया तो लोगो ने कहा , हम लोग रावण दहन तो पुरे देश के साथ मानते है पर लोगो के घर भाईचारा बढ़ाने के लिए दशहरा मिलने अलग अलग दिन जाने का कारण यह है की अगर हम एक ही दिन दहशरा मनाएंगे तो उस दिन सब लोग अपने अपने घर में लोगो के आने का इंतज़ार करेंगे जिससे बहुत ही कम लोग एक दूसरे के यहां जा पाएंगे परन्तु इसे अगर अलग अलग दिन मनाएंगे तो सभी लोग एक दूसरे के घर भाईचारा बढ़ाने , सुख दुःख का भाग बनने जायेंगे |
जैसे मानिये की आज हमारे मोहल्ले का दशहरा है तो शेष बाँदा के जितने भी मोहल्ले में हमारे दोस्त, रिश्तेदार या परिचित के लोग होंगे वो आज शाम से ही हमारे घर दशहरा मिलने आएंगे और हम लोग भी उनके स्वागत की तैयारी में ढेरो पकवान बनाकर रखते है | अगले दिन और उसके बाद के दिनों हम जिस मोहल्ले में जिस दिन दशहरा होगा वहां रहने वाले अपने लोगो से मिलने जायेंगे और वो लोग हमारा पुरे आदर के साथ स्वागत करेंगे | इस दिन हम उनलोगो से भी दशहरा मिलने जाते है जिनसे हमारा कुछ विवाद या झगड़ा होता है इससे हमारा आपसी भाईचारा बहुत बढ़ जाता है |
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धन्यवाद
Source:Asian News International
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