banda:मुख्यालय के रेस्टोरेंट्स और ढाबों में अवैध वसूली का पर्दाफाश: तीन फर्जी अधिकारी गिरफ्तार
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- rohit singh
- June 15, 2024
- उत्तर प्रदेश न्यूज़ प्रदेश न्यूज़ बाँदा की खबर
मुख्यालय में खाद्य विभाग के ऑडिटर बनकर रेस्टोरेंट्स और ढाबों में अवैध वसूली करने की नीयत से आए तीन फर्जी अधिकारियों को रेस्टोरेंट मालिक ने पकड़ लिया। इसकी सूचना कर्वी कोतवाली पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों को पकड़कर कोतवाली ले आई और उनसे पूछताछ करने में जुटी हुई है।
घटना का विवरण
शुक्रवार को मुख्यालय के विभिन्न रेस्टोरेंट्स और ढाबों में बाल श्रम, पंजीयन और जीएसटी आदि के नाम पर अवैध वसूली करने की नीयत से कुछ लोग फर्जी अधिकारी बनकर आए थे। ये फर्जी अधिकारी मुख्यालय के शंकर ढाबा, राम दरबार और चांदनी ढाबा में पहुंचे और वहां आडिट करने के बाद पाठा जलकल स्थित एक रेस्टोरेंट में पहुंचे, जहां रेस्टोरेंट मालिक ने बातचीत के दौरान उनकी संदिग्ध गतिविधियों को भांप लिया और उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद रेस्टोरेंट मालिक ने तुरंत कर्वी कोतवाली पुलिस को इसकी सूचना दी।
पुलिस की कार्रवाई
मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों फर्जी अधिकारियों को पकड़कर कोतवाली ले गई। कर्वी कोतवाली प्रभारी उपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में बांदा जिले के तिंदवारा निवासी धनंजय, झाम सिंह और अतर्रा थाना के महोतरा निवासी दिलीप शामिल हैं। अभी उनसे पूरी पूछताछ की जा रही है।
आरोपियों का बयान
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे एसएल इंटर प्राइजेज बांदा में कार्यरत हैं और एफएसएसएआई प्रोडक्शन फूड का आडिट करने के लिए शुक्रवार को मुख्यालय आए थे। उन्होंने पांच रेस्टोरेंट्स और ढाबों में आडिट किया था। हालांकि, उनकी यह दलील पुलिस के समक्ष संदेहास्पद प्रतीत हो रही है और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
अवैध वसूली का modus operandi
ये फर्जी अधिकारी बाल श्रम, पंजीयन और जीएसटी आदि के नाम पर रेस्टोरेंट और ढाबों में पहुंचते थे और वहां आडिट करने के नाम पर अवैध वसूली करते थे। वे अपने आपको खाद्य विभाग के ऑडिटर बताते थे और व्यापारियों को डराकर उनसे पैसे वसूलते थे। इनकी इस अवैध गतिविधि का खुलासा तब हुआ जब पाठा जलकल स्थित रेस्टोरेंट मालिक ने उनकी संदिग्ध गतिविधियों को भांप लिया और पुलिस को सूचना दी।
व्यापारियों में डर का माहौल
मुख्यालय के रेस्टोरेंट्स और ढाबों में इस घटना के बाद व्यापारियों में डर का माहौल है। व्यापारियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं उनके व्यवसाय के लिए खतरा बन सकती हैं। वे चाहते हैं कि पुलिस ऐसे फर्जी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
पुलिस की अपील
पुलिस ने व्यापारियों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को देखकर तुरंत पुलिस को सूचना दें। पुलिस ने यह भी कहा है कि वे व्यापारियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और ऐसे फर्जी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य विभाग की प्रतिक्रिया
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा है कि वे इस मामले में पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी अधिकारियों के कारण असली अधिकारियों की छवि खराब होती है और वे इस प्रकार की अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त हैं।
भविष्य की योजनाएं
पुलिस और खाद्य विभाग ने मिलकर व्यापारियों को जागरूक करने की योजना बनाई है ताकि वे इस प्रकार की घटनाओं से सतर्क रहें। इसके लिए विभिन्न सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिसमें व्यापारियों को बताया जाएगा कि वे किस प्रकार फर्जी अधिकारियों की पहचान कर सकते हैं और उनसे बच सकते हैं।
निष्कर्ष
इस घटना ने व्यापारियों और आम जनता को सतर्क किया है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज न करें और तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस की तत्परता और रेस्टोरेंट मालिक की सूझबूझ के कारण तीन फर्जी अधिकारियों को पकड़ लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और आशा है कि जल्द ही इस अवैध वसूली के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होगा।
मुख्यालय में इस प्रकार की घटनाएं दुर्लभ हैं, लेकिन इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि सतर्कता और पुलिस के साथ सहयोग से किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को रोका जा सकता है। व्यापारियों को भी यह सीखने की आवश्यकता है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को देखकर तुरंत पुलिस को सूचना दें और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
विस्तृत जांच की आवश्यकता
इस घटना के मद्देनजर, यह भी आवश्यक है कि खाद्य विभाग और अन्य संबंधित विभाग अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं की समीक्षा करें ताकि फर्जी अधिकारियों की पहचान करना आसान हो सके। इसके लिए विभागों को एक मजबूत वेरीफिकेशन सिस्टम विकसित करना होगा, जिसमें असली अधिकारियों की पहचान स्पष्ट हो और किसी भी प्रकार की फर्जी गतिविधि की गुंजाइश न रहे।
सामाजिक जिम्मेदारी
इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि समाज में सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। केवल व्यापारियों को ही नहीं, बल्कि आम जनता को भी ऐसी घटनाओं पर नजर रखनी चाहिए और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को देनी चाहिए। समाज के हर सदस्य की जिम्मेदारी है कि वे अपने आसपास की सुरक्षा के प्रति सजग रहें और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि की सूचना संबंधित अधिकारियों को दें।
पुलिस और प्रशासन की तत्परता
इस घटना में पुलिस की तत्परता और कुशलता की सराहना की जानी चाहिए। जिस प्रकार पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए फर्जी अधिकारियों को गिरफ्तार किया, वह उनके प्रोफेशनलिज्म का प्रमाण है। प्रशासन को भी इस मामले में पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और व्यापारियों को आश्वस्त करना चाहिए कि उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
अंतिम शब्द
इस प्रकार की घटनाएं समाज में समय-समय पर होती रहती हैं, लेकिन हमें एकजुट होकर इनका सामना करना होगा। सतर्कता, सूझबूझ और पुलिस के साथ सहयोग से हम किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को रोक सकते हैं और अपने समाज को सुरक्षित बना सकते हैं। व्यापारियों को भी अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।
इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि समाज में जागरूकता और सतर्कता ही किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है। हमें मिलकर एक सुरक्षित और समृद्ध समाज का निर्माण करना है, जहां हर व्यक्ति सुरक्षित महसूस करे और कोई भी फर्जी अधिकारी या असामाजिक तत्व अपने मंसूबों में कामयाब न हो सके।
I am editor of Jansathi.in from last 2 years. All the posts are my own views which is written by me.
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