sri lanka : डूबती हुई नईया को बचने के इस देश उठाया बड़ा कदम
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- rohit singh
- January 25, 2023
- बिज़नेस/ व्यापर विदेश
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आर्थिक संकट से निकलने की कोशिश में अब श्रीलंका ने सऊदी अरब से उम्मीद जोड़ी है। श्रीलंका सरकार ने सऊदी अरब से कई क्षेत्रों में निवेश के लिए अनुरोध किया है। इनमें अक्षय ऊर्जा, पेट्रोलियम, रियल एस्टेट, हॉस्पिटिलिटी, बंदरगाह आदि क्षेत्र शामिल हैं। विदेश मंत्री अली साबरी ने अपनी सऊदी अरब की यात्रा के दौरान यह जानकारी दी।
अली साबरी की पांच दिन की सऊदी यात्रा 23 जनवरी को शुरू हुई। इस दौरान उनकी कई प्रमुख सऊदी अधिकारियों से बातचीत हुई है। साथ ही सऊदी प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सउद से भी उनकी मुलाकात होनी है। प्रिंस फैसल के न्योते पर ही अली साबरी सऊदी अरब गए हैंश्रीलंका में अली साबरी की सउदी अरब यात्रा को काफी उम्मीद भरी निगाहों से देखा जा रहा है। इसकी एक वजह यह भी है कि सऊदी अरब के मदीना शहर में उनकी बातचीत खाड़ी सहयोग परिषद के अधिकारियों से भी हुई है। तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से खाड़ी सहयोग परिषद के साथ श्रीलंका के रिश्ते का मजबूत होना जरूरी माना गया है।
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सउदी अरब के साथ-साथ खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य अन्य देशों के साथ भी श्रीलंका के रिश्ते पूर्व राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे के शासनकाल में बिगड़ गए थे। खास कर कोरोना महामारी के समय पूर्व राष्ट्रपति ने जिस तरह लाशों को दफनाए जाने पर रोक लगा दी, उससे इस्लामी देश नाराज हुए थे। तब सऊदी अरब ने राजपक्षे सरकार की कड़ी आलोचना की थी। हालांकि तत्कालीन राष्ट्रपति ने उस फैसले का कारण कोरोना संक्रमण को रोकना बताया था, लेकिन इल्जाम लगा था कि वो कदम उनकी अल्पसंख्यक विरोधी नीति का हिस्सा है।
अब श्रीलंका में उम्मीद जगी है कि रानिल विक्रमसिंघे सरकार की नई पहल से सऊदी अरब और अन्य इस्लामी देशों से श्रीलंका के रिश्ते सुधरेंगे। अली साबरी ने वेबसाइट इकोनॉमीनेक्स्ट.कॉम को दिए एक इंटरव्यू में कहा- ‘खाड़ी सहयोग परिषद के मेरी बैठक इसलिए महत्त्वपूर्ण रही, क्योंकि पहले उससे हमारे रिश्ते बिगड़ गए थे। मैंने परिषद के गर्वनर और अन्य अधिकारियों से श्रीलंका में उन देशों का निवेश बढ़ाने के मकसद से बातचीत की है।
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साबरी ने कहा- ‘सऊदी अरब में श्रीलंका के लिए कई तरह के अवसर हैं। सऊदी विजन 2030 के तहत यहां बड़े पैमाने पर विकास कार्य हो रहे हैं। इसमें श्रीलंका के बिल्डरों, इंजीनियरों, आईटी कर्मियों आदि को अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं।सऊदी अरब में दक्षिण एशिया के श्रमिक बड़ी संख्या में काम करते हैं। श्रीलंका जैसे देश के लिए विदेश से भेजी गई कमाई विदेशी मुद्रा का बड़ा स्रोत रही है। विदेशी मुद्रा भंडार चूक जाने के कारण ही श्रीलंका संकटग्रस्त हुआ था। इसलिए अब श्रीलंका सरकार की कोशिश विदेशी मुद्रा के तमाम स्रोतों को तलाशने की है।
साबरी ने कहा कि उन्होंने सऊदी अरब से क्रेडिट लाइन (ऋण) के तहत तेल आपूर्ति करने का अनुरोध नहीं किया है। इसके बदले उनकी कोशिश सऊदी निवेश को आकर्षित करने की है। उन्होंने कहा- ‘ऋण लेने का मतलब होता है कि भविष्य में उसे चुकाना पड़ेगा। इसलिए अब हम निवेश पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।अली साबरी की पांच दिन की सऊदी यात्रा 23 जनवरी को शुरू हुई। इस दौरान उनकी कई प्रमुख सऊदी अधिकारियों से बातचीत हुई है। साथ ही सऊदी प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सउद से भी उनकी मुलाकात होनी है
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