भाग 3- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का रहस्य
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- admin
- August 27, 2022
- धार्मिक लेटेस्ट न्यूज़
12 ज्योतिर्लिंग के रहस्य की श्रंखला में आज हम जानेंगे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में | इस ज्योतिर्लिंग की विशेषता
यह है कि यह एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिण की ओर मुख किए हुए अर्थात दक्षिण मुखी है | महाकालेश्वर
ज्योतिर्लिंग में की जाने वाली भस्म आरती विश्व विख्यात है | यह भस्म आरती प्रातःकाल की जाती है | स्कंद पुराण, शिव
पुराण तथा महाभारत में इस ज्योतिर्लिंग की विशेषताओं एवं उत्पत्ति का रहस्यों का वर्णन है |
आइये जानते हैं इस ज्योतिर्लिंग के बारे में प्राचीन काल में भारत वर्ष की शिप्रा नदी के तट पर एक नगरी थी जिसका नाम था अवंती नगरी (अवंती नगरी को आज उज्जैन नगरी के नाम से जाना जाता है जो मध्यप्रदेश राज्य में स्थित है ) | अवंती नगरी में एक ब्राह्मण हुआ करते थे जिनका नाम था वेदप्रिय| वे प्रतिदिन अपने घर में अग्नि की स्थापना करके अग्निहोत्र किया करते थे और प्रतिदिन शिवलिंग का
निर्माण कर उसकी विधिवत पूजा करते थे| उस ब्राह्मण के 4 पुत्र थे जिनके नाम इस प्रकार है – देवप्रिय, मेधाप्रिय ,संस्कृत
,सुब्रत | वे चारों सभी गुणों से संपन्न थे तथा नित्य अपने पिता की तरह शिवजी की शास्त्रों के अनुरूप पूजा अर्चना करते थे
|
उन्हीं दिनों में रत्नमाल पर्वत में दूषण नामक राक्षस रहता था | दूषण ने भगवान ब्रह्मा को अपनी भक्ति से प्रसन्न करके
अजयेता का वरदान प्राप्त कर लिया था | अजेयता का वरदान पाने के बाद उसने लोगों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया
था तथा ब्राह्मणों की भगवान् की पूजा आदि में विघ्न डालता एवं उनकी हत्या कर देता था | कुछ समाये पश्चात दूषण अपनी
राछसों की सेना लेकर अवंती नगरी आ गया .दूषण अवंती नगरी में रहने वाले ब्राह्मणों को सताने लगा ,उनकी पूजा पाठ में
अवरोध लगाने लगा एवं उनकी हत्या करने लगा | अपनी शक्ति से दूषण ने चार विशाल दैत्य को चार दिशा में अपना
अधिकार प्राप्त करने के लिए भेजा| राक्षसों के उत्पात के बाद भी वेदप्रिय के चारों पुत्रों की भगवान शिव के प्रति आस्था जरा
भी कम नहीं हुई|
एक बार वे चारों एक शिवलिंग बनाकर उसकी आस्था कर रहे थे कि तभी राक्षस दूषण वहां आया और अपनी सेना से उनका
वध करने के लिए कहा | वे चारों पुत्रो ने दूषण की बात पर ध्यान नहीं दिया तथा अपनी पूजा में लगे रहे| जैसे ही दूषण
तथा उसकी सेना ने उन चारो का वध करने के लिए हथियार उठाया तो एक तेज़ आवाज उठी | आवाज के साथ साथ
शिवलिंग के आसपास एक गड्ढा बन गया और तत्काल उस खड्डे से भयंकर रूप धारी भगवान शिव प्रकट हुए| भगवन शिव
ने हुंकार मात्र से दूषण को जलाकर कर भस्म कर दिया |
भगवान शिव ने उन चारों ब्राह्मणों की रक्षा ही नहीं की बल्कि उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान मांगने को कहा |
उन चारों ब्राह्मण पुत्रों ने भगवान शिव से आग्रह किया कि उन्हें मोक्ष प्रदान करें तथा अपने भक्तों की रक्षा के लिए सदा इस
क्षेत्र में वास करें | भगवान शिव ने उन भक्तों की आग्रह को स्वीकार किया और इस गड्ढे में शिवलिंग के रूप में स्थापित हो
गए| भगवान शिव ने हुंकार मात्रे से दूषण का वध कर दिया था इसलिए उनका नाम महाकाल पड़ गया तथा इस
ज्योतिर्लिंग का नाम महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पड़ गया |
आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट करके बताएं तथा ऐसे रहस्य को जानने के लिए बने रहिए हमारे चैनल JAN SATHI MEDIA HOUSE के साथ |
धन्यवाद
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