republic day speech:75वां गणतंत्र दिवस पर लालकिला में प्रधानमंत्री भरी हुँकार
- 568 Views
- rohit singh
- January 26, 2024
- देश
india republic day:
इस साल देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस बड़े धूमधाम से मना रहा है। इस विशेष अवसर पर कई बदलाव किए गए हैं जो इस राष्ट्रीय पर्व को और भी यादगार बना रहे हैं।
इस बार की गणतंत्र दिवस की थीम महिलाओं को केंद्र में रखती है, जो एक महत्वपूर्ण सोच को प्रतिष्ठित करती है। समाज में महिलाओं के योगदान को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है।
गणतंत्र दिवस के समारोह में परेड और झाकियों में भी इस बार महिला प्रतिनिधित्व बढ़ा है। यह एक सकारात्मक कदम है जो महिलाओं को समाज में उच्च स्थान पर लाने की दिशा में है।
happy republic day:
इस बार के समारोह के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को मुख्य अतिथि बनाया गया है, जो विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण अवसर पर शानदार भाषण देंगे और दोनों देशों के बीच साझा किए जा रहे सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करेंगे।
पिछले वर्ष 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने समारोह को रौंगत में डाला था, जिससे देश का गर्व बढ़ा और विश्वभर में भारतीय संस्कृति को प्रमोट करने में मदद मिली। गणतंत्र दिवस के इस विशेष उत्सव के माध्यम से, देश ने अपनी विविधता और समृद्धि को साझा करते हुए एक और बार अपने रूप और सांस्कृतिक धरोहर को प्रकट किया है।
सरकारी समितियाँ और विभाग:
सरकारी समितियाँ और विभाग एक विशेष समिति या पैनल गठित करते हैं जो गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि का चयन करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। इस समिति में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं जो अतिथि के योग्यता, योगदान, और उनके विचारधारा का मूल्यांकन करते हैं।
नामांकन और चयन प्रक्रिया:
एक बार यह समिति उम्मीदवारों को चयन करती है, तो विभिन्न स्तरों पर नामांकन और चयन प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें व्यक्ति की योग्यता, सामाजिक या राजनीतिक स्थिति, और उनके सांस्कृतिक या सामाजिक योगदान का मूल्यांकन होता है।
विदेशी आतिथ्य:
गणतंत्र दिवस के समारोह में विदेशी राष्ट्रपतियों को आमंत्रित किया जाता है ताकि उन्हें देश का गर्व और सांस्कृतिक धरोहर दिखाई जा सके। अतिथि का चयन इस संदर्भ में भी किया जाता है, जो विदेशी राष्ट्र के साथ अच्छे रिश्तों की स्थापना में मदद कर सकता है।
इस साल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को मुख्य अतिथि बनाया गया है, इसमें विभिन्न कारणों से शामिल हैं। फ्रांस एक महत्वपूर्ण गणराज्य है और उसका राष्ट्रपति एक प्रमुख आतिथ्य होने से यह विशेष बनाता है। विभिन्न राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक कारणों से भी इस चयन का कारण हो सकता है।
यही निर्णय समर्पित व्यक्तियों और समितियों के संयुक्त निर्णय का परिणाम होता है, ताकि गणतंत्र दिवस समारोह में एक विशेष अतिथि का स्वागत किया जा सके और यह समारोह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्चतम स्थान पर पहुंच सके।
गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि का चयन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो समारोह के आयोजन से करीब छह महीने पहले शुरू होती है। इस प्रक्रिया के दौरान देश के राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य और वाणिज्यिक हितों को ध्यान में रखकर अतिथि का चयन किया जाता है।
यह प्रक्रिया विभिन्न स्तरों पर होती है, जिसमें सरकारी विभाग, समाजसेवी संगठन, और आम जनता समारोह में भाग लेने के लिए नामांकन कर सकते हैं। सरकारी विभागों में से एक विशेष समिति अतिथि का चयन करने के लिए गठित की जाती है, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठान्वित व्यक्तियों की सिफारिशें शामिल होती हैं।
इसके बाद, एक संविदानिक प्रक्रिया के तहत अधिकृत नामांकन और चयन होता है, जिसमें अतिथि की योग्यता, उनका योगदान, और उनके विचारधारा का मूल्यांकन किया जाता है।
अतिथि का चयन होने के बाद, उन्हें समारोह की तैयारियों में शामिल किया जाता है, ताकि वे उद्घाटन समारोह, परेड, और अन्य कार्यक्रमों में भाग ले सकें। इस प्रकार, गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य अतिथि चयन की सवारी पूरी होती है और वह देश को एक विशेष और महत्वपूर्ण दिन में समृद्धि और गर्व के साथ साझा करते हैं।
मुख्य अतिथि के चयन की प्रक्रिया गणतंत्र दिवस समारोह के लिए एक महत्वपूर्ण और सांविदानिक प्रक्रिया है जो सरकारी संस्थाओं और विभिन्न विभागों के सहयोग से संचालित होती है। यहां इस प्रक्रिया के मुख्य चरणों का विवरण है:
प्रारंभिक मौजूदगी और नामांकन:
प्रक्रिया की शुरुआत में, विदेश मंत्रालय संभावित उम्मीदवारों की एक सूची तैयार करता है। इसमें उन व्यक्तियों के नाम शामिल होते हैं जो देश के लिए सामरिक, राजनीतिक, आर्थिक या सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
सरकारी समीक्षा और चयन:
तैयार की गई सूची को सरकारी समितियों और विभिन्न विभागों में समीक्षा के लिए भेजा जाता है। इन समितियों में विशेषज्ञ व्यक्तियों से मिलकर उम्मीदवारों की योग्यता, उनका योगदान, और संबंधित क्षेत्र में उनकी अच्छाई का मूल्यांकन किया जाता है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मंजूरी:
इसके बाद, सरकारी समितियों द्वारा चयनित उम्मीदवारों की सूची को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सामने रखा जाता है। उन्हें मंजूरी के लिए प्रस्तुत करने से पहले, उनकी उपलब्धता और अन्य सारी आवश्यक जानकारी की जाँच की जाती है।
आमंत्रण और उत्तराधिकारिता:
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आपसी सहमति के बाद, आमंत्रण देने का निर्णय लिया जाता है। उम्मीदवार को इस अवसर के लिए उत्तराधिकारिता मिलती है और उसे विशेष समारोह और कार्यक्रमों में भाग लेने का आमंत्रण दिया जाता है।
इस प्रकार, मुख्य अतिथि के चयन की प्रक्रिया विस्तृत और सांविदानिक होती है, जिसमें विभिन्न स्तरों पर सरकारी और नागरिक संगठनों की भूमिका होती है। इसका मुख्य उद्देश्य देश को गणतंत्र दिवस पर एक विशेष और महत्वपूर्ण अतिथि के रूप में स्वागत करना है।
मुख्य अतिथियों को बुलाने की परंपरा 26 जनवरी 1950 को भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के साथ ही शुरू हुई थी। इस अद्भुत दिन को भारतीय संविधान की पूर्णता को चिह्नित करने के रूप में मनाया जाता है और इस दिन भारत गणराज्य की स्थापना हुई थी।
26 जनवरी 1950 को, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेड के पहले मुख्य अतिथि बने थे। उनका आगमन इस ऐतिहासिक मौके पर एक विशेष घटना थी और यह परंपरा उस समय से आरंभ हो गई।
गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य उद्देश्य देश के नागरिकों को उनके संविधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति समर्पित करना है, और मुख्य अतिथियों को आमंत्रित करके इस अद्वितीय मौके को और भी यादगार बनाता है। इस परंपरा के माध्यम से भारत विभिन्न देशों के राष्ट्रपतियों और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों को अपने गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल करता है, जो एक साझेदारी और सांस्कृतिक विनम्रता की भावना को प्रमोट करता है।
भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह में विभिन्न देशों को मुख्य अतिथि बनाए हैं। इसमें सबसे अधिक आतिथ्य करने वाले क्षेत्र हैं एशिया, जिसमें 36 एशियाई देश शामिल हैं। इसके बाद यूरोप में 24 देश, अफ्रीका में 12 देश, दक्षिण अमेरिका में पांच देश, उत्तरी अमेरिका में तीन देश, और ओशिनिया क्षेत्र में एक देश शामिल हैं।
इतिहास में, भारत ने कई दशकों तक गुटनिरपेक्ष आंदोलन और पूर्वी ब्लॉक से जुड़े कई देशों को गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया है। 1968 और 1974 में भारत ने एक ही गणतंत्र दिवस परेड के दो भिन्न संस्करणों में दो देशों को मुख्य अतिथि बनाया था।
हालांकि, 2021 और 2022 में कोरोना महामारी के कारण ऐसा कुछ नहीं हुआ और मुख्य अतिथियों को आमंत्रित करने में कठिनाईयां आईं।
गणतंत्र दिवस में अतिथि देश के लिए कई महत्वपूर्ण कारणों से जरूरी होता है:
दोनों देशों के बीच दिलचस्प और विशेष संबंध:
गणतंत्र दिवस में अतिथि देश के राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख का चयन करके, दोनों देशों के बीच सशक्त और विशेष संबंध बनाए जाते हैं। इससे सांस्कृतिक एवं आर्थिक एकता बढ़ती है और सहयोग के क्षेत्रों में मजबूती होती है।
विदेशी नीति और बिगरी गई संबंधों की सुधार:
अतिथि के रूप में बुलाए जाने से विदेशी नीति और संबंधों में सुधार हो सकता है। इसके माध्यम से समस्याओं का सामना करने और सहमति की ओर बढ़ने का मौका मिलता है।
विदेशी नेतृत्व का मौका:
गणतंत्र दिवस में अतिथि के रूप में बुलाए जाने से उन्हें भारतीय समाज, संविधान, और राजनीति के अधिकारियों के साथ मिलने का अद्भुत मौका मिलता है। इससे वे दोनों देशों के बीच सजीव और सुदृढ़ नेतृत्व के माध्यम से भागीदारी कर सकते हैं।
सहमति और बृहत्तर समर्थन:
गणतंत्र दिवस में अतिथि के मौजूद होने से दोनों देशों के बीच सहमति और समर्थन में वृद्धि होती है, जिससे वे आपस में मदद कर सकते हैं और एक दूसरे के साथ बेहतर समझौते कर सकते हैं।
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मीडिया का प्रचार-प्रसार:
अतिथि के समारोह में भागीदारी से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया को एक अद्वितीय कवरेज मिलती है, जिससे यह समारोह विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनता है।
इस प्रकार, गणतंत्र दिवस में अतिथि देश को सार्वजनिक, राजनीतिक, और आर्थिक स्तर पर सजग रखने का मौका प्रदान करता है, जिससे दोनों देश एक दूसरे के साथ समर्थन और सहयोग में बढ़ सकते हैं।
रत और फ्रांस ने परमाणु ऊर्जा, रक्षा, और अंतरिक्ष क्षेत्रों में गहरे संबंध बनाए हुए हैं। इस सहयोग के माध्यम से दोनों देश ने अपने सामरिक और आर्थिक हितों को प्रोत्साहित किया है।
परमाणु ऊर्जा:
भारत और फ्रांस के बीच परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग है। फ्रांस ने भारत को न्यूक्लियर प्रौद्योगिकी में मदद की है और उनके बीच समझौते के तहत न्यूक्लियर ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी और विज्ञानिक ज्ञान का आदान-प्रदान हुआ है।
रक्षा:
रक्षा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सजीव सहयोग है। फ्रांस ने भारत को उनकी उन्नत रक्षा तकनीक में मदद की है और आपसी सुरक्षा और समर्थन के क्षेत्र में समझौते हुए हैं।
अंतरिक्ष:
भारत और फ्रांस ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सहयोग किया है। इसमें उच्चतम उड़ान यानी गगनयान के लिए भारत ने फ्रांस की मदद ली है और यह सहयोग दोनों देशों के अंतरिक्ष क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
उद्योग और स्टार्ट-अप:
दोनों देशों ने उद्योगों और स्टार्ट-अप्स के क्षेत्र में भी सहयोग किया है। इसमें विज्ञान, तकनीक, और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी है, जिससे नए और नवीनतम तकनीकों का विकास हो सकता है।
ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा:
ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, और शिक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग है। इससे नए ऊर्जा स्रोतों का विकास हो रहा है और शिक्षा के क्षेत्र में भी उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है।
इस प्रकार, भारत और फ्रांस के बीच साझेदारी ने विभिन्न क्षेत्रों में समृद्धि और विकास की दिशा में योजनाएं बनाने में मदद की है। इस सहयोग से दोनों देश आपसी समर्थन और समर्पण के साथ समृद्धि की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को भारत ने 22 दिसंबर 2023 को गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। इस घोषणा के पीछे यह समाचार है कि पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को भी इस समारोह के मुख्य अतिथि बनाने का आमंत्रण दिया गया था, वह यहां पहुँच नहीं सके द्वारा। बाइडन को अपने देश के वार्षिक स्टेट ऑफ द यूनियन कार्यक्रम के लिए रहना पड़ा, जिसके कारण फ्रांस के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में निर्वाचित किया गया। इससे यह साबित होता है कि फ्रांस और भारत के बीच स्थायी और मजबूत दिलचस्पी रहती है, और यह छठी बार है जब कोई फ्रांसीसी नेता भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हो रहे हैं। हालांकि अंतिम समय के अनुरोध के बावजूद, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भारत के आमंत्रण को स्वीकार किया है, जो सहारा देता है कि फ्रांस हमारा एक सदाबहार मित्र है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को भारत ने 22 दिसंबर 2023 को गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। इसका कारण यह था कि पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को भी इस समारोह के मुख्य अतिथि बनाने का आमंत्रण दिया गया था, वह यहां पहुंच नहीं सके द्वारा। बाइडन को अपने देश के वार्षिक स्टेट ऑफ द यूनियन कार्यक्रम के लिए रहना पड़ा, जिसके कारण फ्रांस के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में निर्वाचित किया गया। यह स्थिति दिखाती है कि फ्रांस हमारा एक सदाबहार मित्र है, और यह छठी बार है जब कोई फ्रांसीसी नेता भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हो रहे हैं।
republic day speech,republic day drawing,republic day speech in english,india republic day,happy republic day,republic day 2023,happy republic day 2023,Republic day 2024, republic day parade 2024, republic day guest list, republic day 2024 theme, republic day 2024 speech, republic day chief guest 2024, french president emmanuel macron, republic day speech, 75th republic day, India News in Hindi, Latest India News Updates, इमैनुएल मैक्रों, गणतंत्र दिवस 2024, गणतंत्र दिवस
Source: Asian News Internation
- 75th republic day
- french president emmanuel macron
- happy republic day
- happy republic day 2023
- India News in Hindi
- india republic day
- Latest India News Updates
- republic day 2023
- Republic day 2024
- republic day 2024 speech
- republic day 2024 theme
- republic day chief guest 2024
- republic day drawing
- republic day guest list
- republic day parade 2024
- republic day speech
- republic day speech in english
- इमैनुएल मैक्रों
- गणतंत्र दिवस
- गणतंत्र दिवस 2024
I am editor of Jansathi.in from last 2 years. All the posts are my own views which is written by me.
Recent Posts
- Monalisa:फिल्में कम, विवाद ज्यादा! मोनालिसा को लेकर सनोज मिश्रा पर उठे सवाल
- rr vs csk:धोनी की रणनीति या मजबूरी? जानें क्यों बदल रहा है उनका बल्लेबाजी क्रम
- Salman khan:एटली संग सलमान की बड़ी फिल्म पर लगी रोक, बजट बना वजह!
- पति के सपनों को तोड़ा: खाटू श्याम के दर्शन से पहले ही प्रगति ने रची हत्या की साजिश
- RR vs KKR:केकेआर की पहली जीत, राजस्थान लगातार दूसरी हार के साथ फिसला