manipur chart:ऐसा क्या हुआ कि हिंसा की आग में जल उठा मणिपुर
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- rohit singh
- May 7, 2023
- देश प्रदेश न्यूज़
kiren rijiju:
सरकार ने कहा है कि हिंसा के बीच पहाड़ों पर आधारिक पांच उग्रवादियों को मार गिराया गया है। चुराचांदपुर में रिजर्व बटालियन के दो जवान अलग-अलग एनकाउंटर में घायल हुए हैं।
मणिपुर में इस हफ्ते भड़की हिंसा अब धीरे-धीरे शांत हो रही है। राज्य में सेना-असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती के बाद से हालात सुधरे हैं। इस बीच मणिपुर सरकार ने हिंसा में जान गंवाने वालों का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है। बताया गया है कि अलग-अलग हिंसा की घटनाओं में 54 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, अनाधिकारिक आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा बताया गया है।
इस बीच इंफाल घाटी में शनिवार को मार्केट और दुकानें खुल रही हैं। साथ ही सड़कों पर भी कुछ वाहन दिखाई दिए। इस बीच राज्य में सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद दिखाई दी। अब तक राज्य में सुरक्षाबलों के 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। इस कड़ी सुरक्षा के चलते इंफाल में लोग सड़कों पर दिखने लगे हैं।हिंसा में जिन 54 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 16 के शव चुराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखे गए हैं। वहीं 15 शव जवाहरलाल नेहरु इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रखे गए। इसके अलावा इंफाल के पश्विम में स्थित लाम्फेल में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की ओर से 23 की मौत की पुष्टि की गई है।
सरकार ने कहा है कि हिंसा के बीच पहाड़ों पर आधारिक पांच उग्रवादियों को मार गिराया गया है। वहीं, चुराचांदपुर में रिजर्व बटालियन के दो जवान अलग-अलग एनकाउंटर में घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया है कि इनमें से एक एनकाउंटर चुराचांदपुर के सैतोन में हुआ था, जहां सुरक्षाबलों ने चार उग्रवादी मार गिराए। पुलिस का दावा है कि तोरबुंग इलाके में उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी थी। जवाबी कार्रवाई में एक उग्रवादी मारा गया और दो रिजर्व बटालियन के जवान घायल हो गए।
n biren singh:
मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस समय राज्य में शांति बनाए रखने में नागरिक समाज संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
बीरेन सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा, इस महत्वपूर्ण स्थिति में मुझ तक पहुंचने और मणिपुर में शांति लाने में अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन देने के लिए अखिल मणिपुर ईसाई संगठन (AMCO) का धन्यवाद। मैं मणिपुर के सभी लोगों से किसी भी प्रकार की हिंसा से बचने की अपील करता हूं। राज्य की कानून व्यवस्था में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बल को सख्त हिदायत दी गई है।मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुई हिंसा की घटनाओं ने शांति और सद्भाव को प्रभावित किया है। इन घटनाओं में राज्य में कुछ लोगों की मौत हुई है, जिससे मैं बहुत दुखी हूं। मैं आप सभी से अपील करती हूं कि आपस में सौहार्द बनाए रखें और अपने आसपास के लोगों का सहयोग करें।
central minister of indi:
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार हिंसा प्रभावित मणिपुर में व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। रिजिजू ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बातचीत का आह्वान करते हुए कहा, दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। कई लोगों की जान चली गई है और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। चाहे मैतेई हों या कुकी, दोनों एक ही राज्य से हैं और उन्हें एक साथ रहने की जरूरत है।
अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले मंत्री रिजिजू ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे पूर्वोत्तर में तेजी से विकास हो रहा है। हिंसा को इसमें सेंध लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस तरह की घटनाएं लोगों के भविष्य को प्रभावित करती हैं और युवाओं एवं महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं। उन्होंने कहा, सुंदर पूर्वोत्तर के विकास को आगे ले जाने के लिए शांति की आवश्यकता है। समाज तभी प्रगति कर सकता है जब शांति हो। उन्होंने लोगों से गृह मंत्रालय द्वारा आदेशित बलों की तैनाती का समर्थन करने का आग्रह किया।मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने ट्वीट किया, मणिपुर में मेघालय से छात्रों को निकालने की प्रक्रिया की स्थिति की जांच के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। टीम यह सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे काम कर रही है कि राज्य के हमारे छात्र सुरक्षित घर वापस आ जाएं।
manipur day:
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने उन सभी छात्रों के माता-पिता/अभिभावकों के साथ एक कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जो अभी भी मणिपुर में फंसे हुए हैं। सीएम ने अभिभावकों से बातचीत की और उन्हें मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह से फोन पर बातचीत कराई। त्रिपुरा मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि मणिपुर में पढ़ रहे त्रिपुरा के छात्रों की मदद करने के प्रयासों को जारी रखते हुए त्रिपुरा के छात्रों से बातचीत करने और उन्हें वापस लाने के लिए त्रिपुरा सरकार द्वारा मणिपुर में एक विशेष टीम भेजी गई है। उन्हें जल्द से जल्द विमान से वापस लाने के लिए जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
माणिक साहा ने घोषणा की कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में फंसे राज्य के सभी छात्रों को यथाशीघ्र विशेष विमानों के जरिये वापस लाया जाएगा। पड़ोसी राज्य में फंसे छात्रों के माता-पिता के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। उल्लेखनीय है कि यह बैठक राज्य के मुख्य सचिव जेके सिन्हा और पुलिस महानिदेशक अमिताभ रंजन की उपस्थिति में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई। साहा ने मणिपुर के मौजूदा हालात की जानकारी प्राप्त करने के लिए वहां के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से भी बात की।
central minister:
त्रिपुरा के करीब 200 छात्र मणिपुर स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं और मणिपुर में बुधवार को भड़की हिंसा के कारण फंस गए हैं।नगालैंड के उप मुख्यमंत्री वाई पैटोन ने मणिपुर से लाए गए घायल व्यक्तियों से मिलने के लिए कोहिमा के एक निजी अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इंफाल में नगाओं का विशेष ध्यान रख रही है और उन्हें लाने का प्रयास कर रही है। इस अस्पताल में मणिपुर के कांगपोक्पी जिले के आठ घायलों का इलाज चल रहा है।
नगालैंड सरकार ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में फंसे राज्य के करीब 600 लोगों को वापस लाने के लिए 22 बसें लगाई हैं। एक मंत्री ने शनिवार को यह जानकारी दी। पत्रकारों से कोहिमा में बातचीत को दौरान उपमुख्यमंत्री वाई पैटोन ने कहा कि राज्य सरकार हिंसा प्रभावित मणिपुर में पढ़ाई कर रहे और काम कर रहे राज्य के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
हम मणिपुर से नगालैंड के लोगों को सुरक्षित लाने के अभियान पर काम कर रहे हैं। सरकार विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे और वहां नौकरी करने वाले नगा लोगों का विशेष ध्यान रख रही है। उन्होंने कहा, अभी तक राज्य सरकार ने नगालैंड सशस्त्र पुलिस भारतीय रिजर्व बटालियन की दो पलटन के साथ 22 बसों को रवाना किया है, ताकि हिंसा प्रभावित मणिपुर से लोगों को वापस लाया जा सके। उन्होंने कहा कि दिन में कुछ बसें इंफाल पहुंचीं और पहला जत्था आज रात या रविवार तक यहां आ सकता है। राज्य सरकार ने नगालैंड के लोगों को वापस लाने वाली बसों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए असम राइफल्स का भी समर्थन मांगा है।
हिंसा प्रभावित मणिपुर में कानून-व्यवस्था के मौजूदा हालात के मद्देनजर तेलंगाना सरकार ने फैसला किया है कि वह शीघ्रता बरतते हुए अपने विद्यार्थियों और नागरिकों को रविवार को इंफाल से हैदराबाद विशेष विमान के जरिये लाएगी। तेलंगाना सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, पूर्वोत्तर राज्य में रह रहे तेलंगाना के विद्यार्थियों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वह सभी कदम उठा रही है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य में तेलंगाना के लोगों के हितों की रक्षा के लिए मणिपुर में स्थिति की निगरानी के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ खोला गया है। जानकारी के अनुसार, तेलंगाना के लगभग 250 छात्र इंफाल और आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि तेलंगाना सरकार ने अपने राज्य के विद्यार्थियों को तुरंत इंफाल से विमान के जरिये हैदराबाद लाने का फैसला किया है। इस मकसद से सात मई को दोपहर में इंफाल से हैदराबाद के लिए एक विशेष उड़ान की व्यवस्था की गई है।प्रभावशाली नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एनईएसओ) ने शनिवार को केंद्र से हिंसा प्रभावित मणिपुर में फंसे विभिन्न राज्यों के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। नागर विमानन मंत्रालय को लिखे एक पत्र में एनईएसओ (NESO) के महासचिव मुत्सिखोयो योबू (Mutsikhoyo Yhobu) ने कहा कि क्षेत्र का शीर्ष छात्र संगठन मणिपुर की मौजूदा स्थिति को लेकर बहुत चिंतित है, जहां कई राज्यों के लोग फंसे हुए हैं और उन्हें तत्काल सुरक्षित रूप से निकाले जाने की जरूरत है।
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एनईएसओ ने अन्य राज्यों के फंसे हुए लोगों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए मंत्रालय से विशेष उड़ानों की व्यवस्था करने की अपील की है। छात्र संगठन ने जारी हिंसा में कई लोगों के अपने दस्तावेज गंवा देने का उल्लेख करते हुए संबद्ध प्राधिकारों से उनके प्रति सहानुभूति बरतने और पहचान के अन्य माध्यमों पर विचार करने का भी अनुरोध किया।मिजोरम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में फंसे निवासियों को निकालने के लिए विमान उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मिजोरम सरकार ने गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय दोनों से आग्रह किया है कि मिजोरम के लोगों को निकालने के लिए चार्टर उड़ानें उपलब्ध कराई जाएं।
अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि केंद्र ने और इसी तरह एक निजी एयरलाइन ने (मणिपुर में फंसे मिजोरम के लोगों को निकालने के लिए) हमारे अनुरोध को नामंजूर कर दिया। केंद्र ने अभी तक इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है। आदिवासियों और बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़पों के चलते मणिपुर में सैकड़ों लोग फंस गए जिनमें ज्यादातर छात्र हैं।मिजोरम के गृह मंत्री लालचामलियाना ने मणिपुर से लोगों को निकालने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा के लिए शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने निवासियों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है। राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि पड़ोसी राज्य में फंसे लोगों के लिए वाणिज्यिक उड़ानों के टिकट बुक किए गए हैं और उनके अलग-अगल बैच में लौटने की उम्मीद है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने शनिवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर में फंसे राज्य के छात्रों को निकालने के लिए दिल्ली में आंध्र प्रदेश भवन में एक हेल्पलाइन और एक नियंत्रण कक्ष खोला। हेल्पलाइन नंबर 011-23384016 और 011-23387089 हैं। राज्य सरकार ने एक बयान में कहा, हम सभी मदद सुनिश्चित करने के लिए मणिपुर सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य के छह और हेल्पलाइन नंबर साझा किए।
मणिपुर के जिन अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है उनमें माइकल एकोम, आईआरएस (8399882392), रेहानुद्दीन चौधरी, संयुक्त सचिव, गृह (9436034077), पीटर सलाम, संयुक्त सचिव, गृह (7005257760) और चरणजीत सिंह, संयुक्त सचिव, गृह (8794475406) शामिल हैं। इसके अलावा मायेंगबम वीटो सिंह, उप सचिव (गृह, 8730931414) और एस रुद्रनारायण सिंह, डीएसपी (गृह, 7085517602) शामिल हैं।
बयान में कहा गया है, मणिपुर में रहने वाले बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों से हेल्पलाइन नंबरों के जरिये संपर्क कर सकते हैं। छात्र किसी भी प्रकार की सहायता के लिए इंफाल या एपी भवन में अधिकारियों से संपर्क करने के लिए भी स्वतंत्र हैं।
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