महाकुंभ 2025:मकर संक्रांति पर अमृत स्नान, संगम में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
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- rohit singh
- January 17, 2025
- उत्तर प्रदेश न्यूज़ कार्यकम/ इवेंट्स देश धार्मिक प्रदेश न्यूज़
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान (अमृत स्नान) का शुभारंभ मकर संक्रांति के पावन अवसर पर भजन-कीर्तन और जयकारों के साथ हुआ। पौष पूर्णिमा से शुरू हुए महाकुंभ में श्रद्धालुओं और नागा साधुओं ने संगम में डुबकी लगाकर आस्था का प्रदर्शन किया। महानिर्वाणी अखाड़े के संतों ने सबसे पहले संगम तट पर स्नान किया। उनके बाद निरंजनी, आनंद, जूना, आवाहन और पंच अग्नि अखाड़ों के साधुओं ने स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
महाकुंभ के अमृत स्नान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए संगम क्षेत्र और अखाड़ा मार्ग पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस, पीएसी, घुड़सवार पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती से सुरक्षा को मजबूत किया गया। अमृत स्नान के लिए अखाड़ों का समय निर्धारित किया गया, ताकि स्नान का क्रम सुव्यवस्थित रहे।
हर-हर गंगे का उद्घोष
संगम तट पर श्रद्धालुओं का विशाल हुजूम उमड़ पड़ा। लोग ठंड की परवाह किए बिना गंगा में पवित्र डुबकी लगाने के लिए घंटों तक कतार में खड़े रहे। घाटों पर “हर-हर गंगे”, “जय श्रीराम” और “बोलो बजरंग बली की जय” के जयकारे गूंज रहे हैं। श्रद्धालु अपनी आस्था के अनुसार भजन-कीर्तन और पूजा-अर्चना में लीन दिखाई दिए।
विदेशी श्रद्धालुओं की विशेष भागीदारी
महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं की भागीदारी भी प्रमुख आकर्षण बनी हुई है। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से अभिभूत हैं। गंगा किनारे योग, ध्यान और सत्संग में शामिल होकर वे आत्मशांति का अनुभव कर रहे हैं।
महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर ने की सराहना
महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान पुरी ने अमृत स्नान के बाद कहा, “यहां की व्यवस्था अद्भुत है। भीड़ होने के बावजूद सब कुछ व्यवस्थित तरीके से संचालित हो रहा है। यह स्थान आस्था और संस्कृति का अनुपम संगम है।”
चरण रज लेने की होड़
नागा साधुओं के अमृत स्नान के दौरान श्रद्धालुओं ने उनके चरणों की रज लेने के लिए अखाड़ा मार्ग पर देर रात से डेरा जमा लिया। मध्य प्रदेश के निवाड़ी से आए राजकुमार और उनकी पत्नी उर्मिला ने कहा, “यह जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है। हम यह रज अपने गांव ले जाएंगे।”
जयकारों के साथ जप-तप का माहौल
महाकुंभ में हर ओर साधु-संतों के भजन-कीर्तन और श्रद्धालुओं के जयकारों की गूंज है। साधुओं की टोलियां ढोलक, मंजीरा और अन्य वाद्ययंत्रों के साथ रामधुन गा रही हैं। श्रद्धालु उन्हें दान देकर अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं।
सीएम योगी ने दी बधाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तस्वीरें साझा करते हुए एक्स पर लिखा, “महाकुंभ सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज मकर संक्रांति के पावन अवसर पर अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले श्रद्धालुओं को बधाई।”
महाकुंभ: आस्था, संस्कृति और एकता का संगम
महाकुंभ 2025, 144 वर्षों की प्रतीक्षा का उत्सव है। यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एकता, मानवता और संस्कृति का प्रतीक भी है। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था, भक्ति और पुण्य-प्राप्ति की भावना ने इस महाकुंभ को एक अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर बना दिया है।
गंगा मैया की जय, हर-हर महादेव!
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